लाहोद

मनुष्य की जीवन को सुधार देता है भागवत कथा – पं.रामखिलावन पांडेय

( राकी साहू लवन ) – खम्हारडीह (लाहोद ) में संतोष कुमार श्रीमती सोनी बाई वर्मा निवास में 30 जनवरी से चल रहे श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ कथा के चौथे दिन कथा व्यास आचार्य रामखिलावन पांडेय सिमगा कोईदा वाले ने गजेंद्र मोक्ष, समुद्र मंथन, राम कथा एवं वामन अवतार की कथा सुनाई।

जिसमें उन्होंने बताया कि वामन देव विष्णु जी के पांचवें अवतार हैं वामन उस समय प्रकट हुए थे, जब दैत्यराज बलि का आतंक फैला हुआ था। बलि ने देवताओं को पराजित कर दिया था और स्वर्ग पर अधिकार कर लिया था देवताओं की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने देवमाता अदिति के गर्भ से वामन देव के रूप में जन्म लिया था। उस दिन भाद्रपद शुक्ल द्वादशी थी कुछ समय बाद राजा बलि एक यज्ञ कर रहा था, तब भगवान वामन बलि के पास पहुंचे और दान में तीन पग भूमि मांगी।

राजा बलि ने वामन देव को देखा तो उसने सोचा कि ये तो छोटा सा ब्राह्मण है, तीन पग में कितनी भूमि ले लेगा राजा बलि के गुरु शुक्राचार्य वामन के रूप में भगवान विष्णु जी को पहचान गए थे उन्होंने बलि को दान न देने के लिए कहा, लेकिन बलि नहीं माना और तीन पग भूमि दान देने का संकल्प ले लिया। इसके बाद वामन देव ने विशाल रूप धारण किया। भगवान ने एक पग में धरती और दूसरे पग में स्वर्ग लोक नाप लिया।

अब तीसरा पैर रखने के लिए कोई जगह नहीं बची थी। तब बलि ने भगवान वामन को अपने सिर पर पैर रखने के लिए कहा जैसे ही वामन देव ने बलि के सिर पर पैर रखा, वह पाताल लोक पहुंच गया। बलि की दानवीरता देखकर भगवान ने उसे पाताल का राजा बना दिया और देवताओं को उनका स्वर्ग लौटा दिया उन्होंने आगे कहा कि मनुष्य की जीवन को सुधार देता है भागवत कथा वही श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने बड़ी संख्या में श्रोतागण पहुंच रहे हैं।

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