छत्तीसगढ़

नारायणपुर-दंतेवाड़ा की सीमा से अब तक 31 नक्सलियों का शव बरामद, मुठभेड़ के बाद जारी है सर्च ऑपरेशन

छत्तीसगढ़ में लाल आतंक के खिलाफ सुरक्षा बलों ने अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन अंजाम दिया है. एंटी नक्सल ऑपरेशन में मिली सफलता से जवानों के हौसले बुलंद हैं.

छत्तीसगढ़ में एंटी नक्सल मोर्चे पर तैनात सुरक्षा बलों को मिली सफलता से जवान खुश हैं. बस्तर के नारायणपुर और दंतेवाड़ा की सीमा पर सबसे बड़ा प्रहार हुआ है. मुठभेड़ के बाद अब तक कुल 31 नक्सलियों का शव बरामद हो चुका है. 2-3 और नक्सलियों के शव बरामद होने की संभावना है. नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन को डीआरजी दंतेवाड़ा, नारायणपुर एसटीएफ और सीआरपीएफ ने संयुक्त रूप से अंजाम दिया. मुठभेड़ में नक्सलियों के बड़े नेता कमलेश, नीति, कमांडर नंदू, सुरेश सलाम, मलेश, विमला मारे गए हैं.

सुरक्षा बलों का नक्सलियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन माना जा रहा है. मृतकों में उत्तर बस्तर डिवीजन कैडर के ज्यादातर नक्सली हैं. मुठभेड़ के दौरान एक जवान भी घायल हुआ है. इलाज के लिए जवान को एयरलिफ्ट कर रायपुर लाया गया है. नक्सलियों के शवों को दंतेवाड़ा पुलिस लाइन में कुछ घंटे बाद लाया जाएगा. घटनास्थल से सुरक्षा बलों को अत्याधुनिक हथियार मिले हैं.

हथियारों में इंसास राइफल, एके 47 लाइट मशीन गन शामिल हैं. फिलहाल इलाके में सुरक्षा बलों का सर्चिग ऑपरेशन अभी भी जारी है. रात में सुरक्षा बलों को सहारा देने के लिए सीआरपीएफ का अतिरिक्त बल भेजा गया था. इंटेलिजेंस से सूचना मिली थी कि पूर्वी बस्तर का बड़ा नक्सली कैडर अबूझमाड़ के जंगलों में ट्रेनिंग कैंप लगाया हुआ है.

लाल आतंक पर अब तक का सबसे बड़ा प्रहार

सूचना के बाद नारायणपुर और दंतेवाड़ा पुलिस ने ज्वाइंट ऑपरेशन किया. ज्वाइंट ऑपरेशन 48 घंटे तक चला. सुरक्षा बलों की टीम साहस का परिचय देते नक्सलियों की मांद में घुस गयी. मुठभेड़ में जवानों ने 31 नक्सलियों को ठिकाने लगा दिया. मारे गये नक्सलियों का शव बरामद भी कर लिया गया है. एबीपी न्यूज की टीम अबूझमाढ़ के जंगलों में मौजूद है. थुलथुली के जंगलों से एसटीएफ और डीआरजी की टीम वापस लौटने लगी है. जवानों के चेहरे पर जीत की खुशी है. तकरीबन 10 किलोमीटर जंगल और पहाड़ियों से नक्सलियों के शवों को कंधे पर रखकर जवान ला रहे हैं. लाल आतंक पर अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन माना जा रहा है.

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