कृष्ण जन्मोत्सव मे जमकर झूमें नगरवासी

लवन – नगर के अहिल्दा रोड में सुनील तिवारी के घर चल रही भागवत कथा के चतुर्थ दिवस सोमवार को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया।
कथा वाचक पं मनोज तिवारी डभरा ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा सुनने से मनुष्य के कई जन्मों के पापों का क्षय हो जाता है। हमें भागवत कथा सुनने के साथ साथ उसकी शिक्षाओं पर भी अमल करना चाहिए। उन्होंने बताया कि वामन अवतार के रूप में भगवान विष्णु ने राजा बलि को यह शिक्षा दी कि दंभ और अंहकार से जीवन में कुछ भी हासिल नहीं होता और यह धन संपदा क्षण भंगुर होती है। इसलिए इस जीवन में परोपकार करों।
उन्होंने बताया कि अहंकार, गर्व, घृणा और ईषर्या से मुक्त होने पर ही मनुष्य को ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है। ईषालु व्यक्ति अपने जीवन में कभी तरक्की नहीं कर सकता। ऐसे व्यक्तियों को भगवान सूर्य, वायु, नदियों, बादलों व वृक्षों इत्यादि से प्रेरणा लेनी चाहिए। भगवान सूर्य बिना किसी भेदभाव के सृष्टि के सभी प्राणियों को अपना प्रकाश देते हैं। वायु सभी जीवों में प्राणों का संचार करती है। बादल परोपकार के लिए गरजते हुए वर्षा करते है, नदियां किसी से नहीं पूछती कि तुम मेरा जल क्यों पीते हो और वृक्ष भी किसी व्यक्ति से नही पूछते तुम मेरे फल क्यों तोड़ते हो, लेकिन स्वार्थी मानव इष्र्यालु होता जा रहा है।
आगे कथा के दौरान जैसे भगवान का जन्म हुआ तो पूरा पंडाल नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान लोग झूमने-नाचने लगे। भगवान श्रीकृष्ण की वेश में नन्हें बालक के दर्शन करने के लिए लोग लालायित नजर आ रहे थे। भगवान के जन्म की खुशी पर महिलाओं द्वारा अपने घरों से लगाए गए गुड़ के लड्डूओं से भगवान को भोग लगाया गया। कथावाचक ने बताया जब धरती पर चारों ओर त्राहि-त्राहि मच गई, चारों ओर अत्याचार, अनाचार का साम्राज्य फैल गया तब भगवान श्रीकृष्ण ने देवकी के आठवें गर्भ के रूप में जन्म लेकर कंस का संहार किया। इस अवसर पर उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न बाल लीलाओं का वर्णन किया। कथा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।










