गर्मी बढ़ने के साथ बांधों के जल स्तर में गिरावट से बढ़ी चिंता

रायपुर – प्रदेश में गर्मी का मौसम शुरू होते ही पेयजल को लेकर भी अब चिंता बढ़ने लगी है। गर्मी बढ़ने के साथ पेयजल और गांवों में निस्तारी के लिए पानी की आवश्यकता होगी। अब तक सभी जिलों में प्रदेश के बांधों से पेयजल से लेकर उद्योगों समेत अन्य जरूरतों की पूर्ति हो रही है। प्रदेश में वृहद, मध्यम और लघु बांधों में औसत जल स्तर 50 फीसदी तक ही बना हुआ है। मौजूदा स्टोरेज में ही गर्मी में पेयजल समेत सभी जरूरतों के लिए आपूर्ति का विभाग पर दबाव है। दूसरी तरफ अप्रैल माह से भू-जल स्तर नीचे जाने के बाद पानी की किल्लत भी बढ़ने की आशंकाओं से इंकार नहीं किया जा रहा है।
प्रदेश के जलाशयों में बीते सप्ताह भर पहले तक जल स्तर 50 फीसदी से कुछ अधिक है लेकिन गर्मी बढ़ने के साथ इसके लगातार कम होने की आशंका है। गर्मी के मौसम में रबी फसल के लिए भी किसानों की ओर से पानी का दबाव बढ़ेगा। हालांकि रबी के लिए बांधों से पानी देने को लेकर लगातार विवाद भी होता रहा है। इसे लेकर विभागीय स्तर पर भी कोई संकेत नहीं हैं। विभागीय अफसरों की प्राथमिकता पेयजल और निस्तारी की जरूरतों पर है। बीते साल बेहतर बारिश होने से प्रदेश के बांधों का जल स्तर जरूर 92 फीसदी पार कर गया था। हालांकि बाद में खरीफ के लिए पानी की मांग समेत अनुबंध के तहत उद्योगों को आपूर्ति की अनिवार्यता और पेयजल के लिए पानी दिए जाने के बाद जल स्तर में गिरावट आई है।
राज्य के बड़े जलाशयों में मिनीमाता हसदेव बांगो, कोडार बांध और मुरूमसिल्ली बांध में ही फिलहाल 50 फीसदी से कम जल भराव की स्थिति है। बिलासपुर जिले के अरपा भैंसाझार में अभी सबसे अधिक 67 फीसदी तक भंडारण बना हुआ है। वहीं धमतरी जिले के रविशंकर जलाशय में 57 फीसदी तक जल भंडारण है। जबकि मध्यम बांधों में कबीरधाम जिले के क्षीरपानी जलाशय में अभी भी 96 फीसदी तक जल भराव है।
राज्य के बड़े बांधों में जल भंडारण (प्रतिशत में)
(10 मार्च तक की स्थिति)
मिनीमाता बांगो – 47.39%
रविशंकर सागर – 57.54%
तांदुला जलाशय – 49.41%
दुधावा जलाशय – 50.90%
सिकासार बांध – 50.85%
खारंग जलाशय – 61.37%
सोंदूर जलाशय – 63.37%
मुरूमसिल्ली – 47.25%
कोडार जलाशय – 20.13%
मनियारी जलाशय – 67.87%
केलो जलाशय – 49.75%
अरपा भैंसाझार – 67.90%








