शिव महापुराण कथा शिव-गणेश प्रसंग से भक्त हुई भावविभोर

(गिधपुरी डोमार साहू)गिधपुरी में चल रही शिव महापुराण कथा के दौरान कथा वाचक पंडित झम्मन शास्त्री ने भगवान शिव और गणेश जी से जुड़ा रोचक प्रसंग सुनाया, जिसे सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। कथा में उपस्थित भक्तों ने भक्ति भाव से कथा का श्रवण किया और वातावरण हर हर महादेव के जयघोष से गूंज उठा।
पंडित शास्त्री ने बताया कि महापुराण में शिव और गणेश के बीच युद्ध का वर्णन नहीं, बल्कि एक अत्यंत मार्मिक कथा है जब गणेश जी ने अपनी माँ पार्वती के आदेश पर शिव जी को कक्ष में प्रवेश करने से रोका था। इससे क्रोधित होकर भगवान शिव ने अपने त्रिशूल से गणेश जी का सिर काट दिया था।
उन्होंने विस्तार से बताया कि गणेश जी का जन्म देवी पार्वती के शरीर के मैल से हुआ था। पार्वती जी ने स्नान करते समय उन्हें आदेश दिया कि कोई भी अंदर न आए। उसी समय जब शिव जी घर लौटे, तो गणेश ने उन्हें रोक दिया क्योंकि वे उन्हें नहीं पहचानते थे। शिव के क्रोध से गणेश जी का सिर धड़ से अलग हो गया, लेकिन माता पार्वती के विलाप के बाद शिव जी ने एक हाथी का सिर लगाकर गणेश जी को पुनर्जीवित किया।
कथा वाचक ने कहा कि शिव जी ने गणेश जी को आशीर्वाद दिया कि वे सृष्टि में सबसे पहले पूजे जाएंगे और बुद्धि, विवेक तथा सफलता के देवता कहलाएंगे।
इस धार्मिक आयोजन में संदीप पांडेय, ने एक से नौ तारिक तक चलने वाली कथा में आस पास के लोगों को शामिल होकर कथा आनंद ले वही इस संदीप पांडेय सीमा पांडेय परिवार द्वारा व्यवस्था की गई थी। ग्रामवासी एवं आसपास के क्षेत्रों के श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित होकर कथा का श्रवण किया। पूरे कार्यक्रम में भक्ति और श्रद्धा का अद्भुत वातावरण बना रहा।









