छत्तीसगढ़

धान खरीदी से पहले कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, समितियों में लटके ताले

धान खरीदी सीजन 2025-26 की तैयारियां इस बार कर्मचारी संगठनों की अनिश्चितकालीन हड़ताल की वजह से प्रभावित हो गई हैं। जिले के सभी 79 उपार्जन केंद्रों और 56 सहकारी समितियों के कार्यालयों में तालाबंदी है, जिससे खरीदी से जुड़े सभी प्रशासनिक कार्य ठप पड़ गए हैं।

धान खरीदी की उलटी गिनती शुरू

धान खरीदी सीजन की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है, लेकिन इसी बीच कर्मचारी संगठनों की अनिश्चितकालीन हड़ताल ने तैयारियों की रतार पर ब्रेक लगा दिया है। जिले के सभी 79 उपार्जन केंद्रों में और समिति में तालाबंदी हैं, कर्मचारियों की अनुपस्थिति से धान खरीदी पूर्व की व्यवस्थाएं ठप पड़ी हैं। किसान जहां खरीदी की तिथि और प्रक्रिया को लेकर जानकारी जुटाने समितियों का रुख कर रहे हैं।

प्रशासनिक कार्य निष्पादन ठप
वहीं अधिकांश समिति कार्यालयों में ताले लटके दिखाई दे रहे हैं। सरकार धान खरीदी 15 नवंबर से शुरु करने वाली है, वहीं सहकारिता समिति के सभी कर्मचारियों ने चार सूत्रीय मांगों को पूरा नहीं होने तक कामकाज पूरी तरह बंद करने की चेतावनी दी है। इस बीच खरीदी की तैयारियां धरी की धरी रह गई है। ग्रामीण अंचलों से मिली जानकारी के अनुसार, मापतौल, पंजीयन सत्यापन, बारदाना व्यवस्था और परिवहन अनुबंध जैसे कार्य पूरी तरह से प्रभावित हैं। कई समितियों के प्रबंधकों और ऑपरेटरों के हड़ताल में शामिल होने से प्रशासनिक कार्य निष्पादन ठप पड़ गया है।

किसानों के पास पहले से सीमित समय

इस हड़ताल का असर न केवल किसानों पर, बल्कि पूरे उपार्जन प्रक्रिया की समय-सीमा पर भी पड़ सकता है। पहले 1 नवंबर से धान खरीदी होती थी, अब 15 नवंबर से धान खरीदी 31 जनवरी तक होती है। वहीं पर रविवार को अवकाश और अन्य छुट्टियों के दिन में धान खरीदी बंद रहती हैं, ऐसे में किसानों को सीमित समय में धान बेचना होत है। यदि स्थिति शीघ्र नहीं सुधरी, तो खरीदी प्रारंभ तिथि में विलंब से किसानों की आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना तय है।

हड़ताल लंबी चली तो खरीदी समय पर शुरू होना मुश्किल

स्थानीय किसानों का कहना है कि खरीदी की तैयारी में हर वर्ष की तरह इस बार भी कई चुनौतियाँ हैं, लेकिन इस बार हड़ताल के कारण स्थिति और गंभीर हो गई है। एक किसान ने बताया कि ‘‘धान खरीदी की तारीख करीब आ रही है, लेकिन केंद्रों में कोई गतिविधि नहीं है।

अगर हड़ताल लंबी चली तो खरीदी समय पर शुरू होना मुश्किल हो जाएगा। दूसरी ओर, प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि शासन स्तर पर हड़ताल समाप्त करवाने के प्रयास जारी हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि धान खरीदी के लिए लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग की तैयारियां लगभग पूरी हैं, लेकिन समिति स्तर पर कार्य न होने से सिस्टम में बाधा उत्पन्न हो रही है।

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