नौकरी लगाने के नाम पर रिश्वत देने वाले लोगो पर भी चलेगा मुकदमा – हाई कोर्ट

बिलासपुर – हाई कोर्ट ने ‘कैश फार जाब’ मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि नौकरी पाने के लिए रिश्वत देना भी अपराध है यदि आप किसी भी व्यक्ती को नौकरी लगाने के नाम पर पैसा देते हैं तो आपके ऊपर भी मुकदमा चलेगा चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए रजिस्ट्रार जनरल को शिकायतकर्ता के खिलाफ भी आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने टिप्पणी की कि कई चेतावनियों के बावजूद लोग न्यायिक संस्थानों में नौकरी पाने के लिए दलालों के झांसे में आ रहे हैं।
फरवरी 2024 के एक मामले में कोर्ट ने आरोपित को जमानत देने से इन्कार कर दिया। उस पर भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 420 और 34 के तहत मामला दर्ज है। आरोपित ने शिकायतकर्ता से 5,15,000 रुपये लेकर उसे और उसके दोस्त को हाई कोर्ट में नौकरी दिलाने का झांसा दिया था। बाद में जब शिकायतकर्ता को पता चला कि कोई नौकरी नहीं थी, तो उसने शिकायत दर्ज कराई। हाई कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता भी इस मामले में निर्दोष नहीं है, क्योंकि उसने भी गलत तरीके से नौकरी पाने के लिए पैसे दिए थे। इसलिए उसके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया जाए
अवैध प्रथाओं को रोका जाए : कोर्ट
कोर्ट ने निर्देश दिए है कि आवश्यक कानूनी कार्रवाई करते हुए इस तरह की अवैध प्रथाओं को रोका जाए, जो न्यायिक संस्थानों की साख को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इस तरह की घटनाएं न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं और रिश्वत देकर नौकरी पाने की कोशिश करने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई होगी।
हाई कोर्ट ने कैश फार जाब मामले में दिया ऐतिहासिक निर्णय हाई कोर्ट ने कहा – नौकरी के लिए रिश्वत देना भी अपराध है रजिस्ट्रार जनरल शिकायतकर्ता पर भी करे सख्त कार्रवाई