मंदिर हसौद

खुटेरी प्राचीन ईंट मंदिर बना असामाजिकतत्वों का अड्डा

मंदिर हसौद – राष्ट्रीय राज्य मार्ग एन एच 53 के किनारे स्थित नवागांव खुटेरी में पुरातत्व विभाग द्वारा 16-17 शताब्दी ईस्वी निर्मित मंदिर जो कि 12-13 सती ईस्वी में निर्मित हुए किसी ध्वस्त मंदिर के द्वार चौखट एवं स्तंभ इसमें प्रयुक्त हुआ है। जिसके रखरखाव के लिए संस्कृतिक एवं पुरातात्विक विभाग द्वारा चौकीदार नियुक्त किया हुआ है। जो की महीने में मात्र दो बार ही साफ सफाई करने आते हैं। जहां वहीं प्राचीन ईट निर्मित मंदिर का हालात जर्जर हो चुका है जहां पर ना तो साफ सफाई किया जा रहा है। और ना ही कोई रख रखाव पर ध्यान दिया जा रहा है। जिसके कारण मंदिर के ऊपर में पेड़ पौधे उग चुके है।

वही मंदिर असामाजिक तत्वों का डेरा बना हुआ है। जहां दोपहर में गांजा पियक्कड़ों का लगता है झुंड तो वही रात्रि में कपल जोड़ों का बनता है अय्याशी का अड्डा, जहां मंदिर जैसे पवित्र स्थल को भी असामाजिक तत्व लोग छोड़ नहीं रहे हैं। वही प्राचीन ईट निर्मित मंदिर के पास ही विश्वनाथ राजराजेश्वरी जय अंबिका प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। जहां प्रतिदिन सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं। जहां मंदिर के किनारे तालाब भी है जहां ग्रामीण माताएं बहने स्नान करने आती है। जो की कई बार असामाजिक तत्वों के द्वारा अपमानित होती है। वही मंदिर सामाजिक तत्वों का डेरा होने के चलते बड़ी घटना होने की स्थिति बना हुआ है। जिस पर शासन प्रशासन ने इस पर अंकुश नहीं लगाया तो असामाजिक तत्वों का हौसला बढ़ता जाएगा और बड़ी घटना घटित हो सकते है। वहीं विभाग द्वारा नियुक्त किए हुए चौकीदार को नियमित रूप से मंदिर पर उपस्थित होने के लिए बाध्य किया जाए या उस पर सख्त कार्रवाई किया जाए।

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