प्रशंसा बनी गर्ल पायलट, छत्तीसगढ़ का नाम किया रोशन

24 लोगों में से केवल एक का हुआ सिलेक्शन
रायगढ़ – मात्र 21 वर्ष की आयु में प्रशंसा बनी जिले की पहली गर्ल पायलट माता डा ज्योत्सना और पिता डा पवन अग्रवाल ने प्रशंसा का किया सपोर्ट रायगढ़ से न्यूजीलैंड और अबू धाबी पहुंचने तक अपनी ग्रुप में 24 लोगों के बीच पूरे भारत में केवल एक ही गर्ल पायलट का हुआ है चयन वो है रायगढ़ की होनहार बिटिया प्रशंसा का अग्र समाज की है गौरव रायगढ़ सिटी हॉस्पिटल के ख्यातिलब्ध चिकित्सक डा. ज्योत्सना अग्रवाल और डा. पवन अग्रवाल की होनहार प्रतिभाशाली बिटिया प्रशंसा अग्रवाल पर फिट बैठती है। बचपन में प्लेन को उड़ते देख डा दम्पत्ति की इस होनहार बिटिया ने पायलट बनने का सपना देखा जिसे उसने कठिन परिश्रम से पूरा भी किया। अपने लक्ष्य को अर्जुन की मानिंद ध्यान में रखकर तैयारी कर आज रायगढ़ की बिटिया प्रशंसा ने पायलट बनने का गौरव प्राप्त कर अपने परिवार का नाम रायगढ़ छत्तीसगढ़ में ही नहीं वरन पूरे भारत में रोशन किया है।
25 जुलाई 2002 में डा. ज्योत्सना अग्रवाल और डा. पवन अग्रवाल की सुपुत्री का जन्म बिलासपुर में हुआ था। शिक्षा दीक्षा रायगढ़ से ही संपन्न हुई। प्रारम्भिक शिक्षा गार्जियन एन्ड गाइड स्कूल उसके बाद कक्षा पहली से दसवीं तक कार्मेल स्कूल उसके बाद ग्यारहवी बारहवीं की पढ़ाई ओ पी जिंदल स्कूल से पूरी की। प्रशंसा को बचपन से ही पायलट बनना था तो अर्जुन की तरह अपने लक्ष्य को केंद्रित करके आगे बढ़ी। माता पिता के साथ भाई डा पलक अग्रवाल ने भी पायलट बनने में साथ दिया। परिवार के सम्पूर्ण सहयोग से प्रशंसा ने पायलट लोगों से सम्पर्क कर उनसे जानकारी ली सभी से विस्तृत बात की इस क्षेत्र की जानकारी ली। नेट में जो भी आवश्यकता है उसे सर्च कर आगे बढ़ी।
पायलट ट्रेनिंग के लिए ग्राउंड क्लासेस की कोचिंग दिल्ली से ली। पायलट में चयन से पहले ग्राउंड क्लासेस, नेवीगेशन, मिटेरियोलॉजी एयर रेग्युलेशन को कठिन परिश्रम से प्रथम प्रयास में ही पास किया। रेडियो टेलीफोनिक एक्जाम कोलकत्ता से पास किया। इंडिगो में पायलट के चयन के लिए कठोर प्रतियोगिताये पास की। प्रशंसा ने अपने परिवार के सपोर्ट और अपने लगन और कठिन परिश्रम से ये सफलता प्राप्त की।









