छत्तीसगढ़

गरियाबंद में मीले 11 फर्जी शिक्षाकर्मी ,हुई 3-3 साल की सजा

मैनपुर जनपद में बड़े रूप में फर्जी शिक्षा कर्मी का खुलासा हुआ है। 2008 शिक्षाकर्मी भर्ती फर्जीवाड़े में कोर्ट ने 11 शिक्षाकर्मियों को तीन-तीन साल कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है जबकि पांच लोगों को दोषमुक्त किया गया है। उल्लेखनीय है कि जनपद के जरिये शिक्षाकर्मियों की भर्ती हुई थी। चयन सूची जारी होने के बाद फर्जी प्रमाणपत्र के जरिये भर्ती होने की शिकायतें हुई और जांच के बाद जनपद की ओर से इसकी शिकायत की गई थी। कुल 16 लोगों के खिलाफ प्रकरण कोर्ट में पेश किया गया था। मैनपुर से मामला गरियाबंद और अपर सत्र न्यायालय पहुँचा। शिकायत सही पाई गई ।

फर्जी अंकसूची के सहारे कर रहे थे नौकरी

कुछ शिक्षा कर्मी फर्जी अंक सूची के आधार पर नौकरी कर रहे थे जिसकी शिकायत एक युवक द्वारा की गई थी । इस संबंध में जानकारी के अनुसार केस क्रमांक 153/2016 शिक्षाकर्मी फर्जीवाड़ा मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी प्रशांत कुमार देवांगन ने 11 शिक्षाकर्मियों को धारा 420, 467, 468, 471 के तहत सजा सुनाई है।

इनमें अरविंद सिन्हा पिता गोवर्धन सिन्हा, संजय शर्मा पिता रामकुमार शर्मा, शंकर साहू पिता बुधलाल साहू, डिगेश्वरी साहू पति एवन साहू, देवनारायण साहू पिता झगरू साहू, दौलत राम पिता नंदकुमार, ममता सिन्हा पति योगेंद्र सिन्हा, हेमलाल यादव पिता परमेश्वर यादव, पीताम्बर साहू पिता बोधन साहू, शिवकुमार साहू पिता हेमलाल, योगेंद्र सिन्हा पिता भोजराज सिन्हा शामिल हैं जबकि ममता सिन्हा और योगेंद्र सिन्हा पति-पत्नी हैं।5 आरोपियों को दोषमुक्त किया गया है। धारा 420, 467, 468 तीनों धाराओं में 3 वर्ष कारावास व 1 हजार अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई है। धारा 471 में 1 वर्ष का कारावास व 1 हजार अर्थदंड की सजा पृथक से दी गई है।

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