अभी तक हो रहे नोटों की गिनती धीरज साहू ठिकानों पर मिला 310 करोड़ कैश

राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू के ठिकानों पर पड़ी आयकर विभाग की रेड में अबतक 300 करोड़ से ज्यादा का कैश मिल चुका है। वहीं उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में सिर्फ 27 लाख कैश होने की बात कही थी।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू इन दिनों खजाने की वजह से चर्चा में हैं। उनके घर और ठिकानों से कुबेर का इतना खजाना मिला है कि आयकर विभाग तीन दिन बीतने के बाद भी गिन नहीं पाया है। शनिवार को चौथे दिन नोटों की गिनती खत्म हो सकती है। नोटों से भरी अलमारी मिलने के बाद सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है। वहीं यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। अपने नेता के बचाव में पार्टी का कहना है कि साहू का करोड़ों का कारोबार है।


अकूत दौलत के मालिक साहू 2010 से कांग्रेस के झारखंड से राज्यसभा सांसद हैं। उनके ठिकानों से बेशक आयकर विभाग को छापेमारी में अबतक 310 करोड़ से ज्यादा पैसे मिले हों लेकिन चुनाव आयोग को राज्यसभा चुनाव के दौरान दिए हलफनामे में धीरज साहू ने बताया था कि उनके पास 15 लाख कैश है, जबकि उनकी पत्नी व आश्रितों को मिलाकर पूरे परिवार के पास महज 27.50 लाख नकद हैं। वहीं, उनके व उनके आश्रितों के खातों में कुल 8 करोड़ 59 लाख 24106 रुपये जमा थे।
ईडी भी कर सकती है कार्रवाई
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के खिलाफ आयकर के बाद ईडी भी कार्रवाई कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, धीरज व संबंधित शराब कंपनियों के खिलाफ प्रेडिकेट ऑफेंस की पड़ताल करने का निर्देश ओडिशा ईडी जोनल ऑफिस को दिया गया है। अंदेशा है कि छतीसगढ़ चुनाव के बाद इन पैसों को एक जगह जमा रखा गया था। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पायी है। एजेंसियां इस पहलू पर पड़ताल कर रही हैं।
नगद रखने की कितनी है सिमा ?
काला धन रोकने के लिए सरकार ने कैश लेनदेन से जुड़े कई नियम बनाये हैं. आयकर कानून घर में कैश रखने पर कोई सीमा लगाने का प्रावधान नहीं करता है. आप घर में जितना चाहें, उतना कैश रख सकते हैं. घर में कैश रखना बिल्कुल अवैध नहीं है, बशर्ते सारा कैश आपकी कानूनी कमाई का हिस्सा होना चाहिए. इस मामले में आयकर विभाग के प्रावधानों के अनुसार, छापेमारी के बाद यदि बेहिसाबी धन रखने वाले लोग इसका स्रोत नहीं बता पाएंगे तो उन पर टैक्स और जुर्माना, दोनों लगेगा.
कैश का स्रोत बताना जरूरी
अगर किसी के घर या परिसर में आयकर विभाग छापा मारता है, तो उस कैश का स्रोत बताना जरूरी होता है. ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई तय है. इसका मतलब साफ है कि कोई भी चाहे जितना भी कैश रखे, वह काला धन नहीं होना चाहिए. उस कैश के स्रोत के बारे में एक सार्वजनिक उत्तर होना चाहिए. जैसे- इतना सारा कैश कहां से आया है, इसका स्रोत क्या है, इसका सही जवाब होना चाहिए.










