घर घर छेर छेरा मांगने जा रहे बच्चे, बड़े उत्साह के साथ त्यौहार का आनंद ले रहे अंचलवासी


छत्तीसगढ़ की लोक पारंपरिक त्यौहार छेरछेरा की प्रदेश में काफी धूम है. बलौदाबाजार जिले के लवन क्षेत्र सहित अंचल कोयदा,डमरू, मरदा, कुम्हारी, चिचिरदा,खैरा में भी बड़े ही धूमधाम से आज यह अन्नदान पर्व मनाया जा रहा है.
सुबह से ही यदुवंशी लोकगीतों का वाचन करते घर-घर छेरछेरा मांगने जा रहे हैं. छेरछेरा का पर्व दान पुण्य के भाव को लोगों के मन में जागृत करता है. लोग स्वेच्छानुसार धान और धन ,का दान देते हैं. आज सुबह 7 बजे से ही गांव में छेरछेरा मांगने छोटे बच्चों की टोली घर-घर पहुंच रही है और छेरछेरा मांग रहे हैं.
छत्तीसगढ़ में विशेष रूप से छेरछेरा का महापर्व अंचल क्षेत्र में सर्वाधिक लोकप्रिय है अंचल क्षेत्रवासी इसे बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं ।लवन के एक बुजुर्ग ने बताया कि , किसान अपने खलिहानों के धान काटकर जब घरों में लाते हैं और मिजाई खुटाई करने के बाद सभी धान मिजाई का काम पूरा कराने के बाद पौष महीने की पूर्णिमा को प्रतिवर्ष छत्तीसगढ का पारंपरिक तिहार छेरछेरा का पर्व मनाया जाता है. इसमें सभी वर्ग के लोग चाहे छोटे हो या बडे़ सभी एक दूसरे के घर जाकर अन्न या धन का दान लेते हैं और देते हैं. सभी के घरों में आज के दीन मिठे पकवान और छत्तीसगढ़ी व्यंजन बनाए जाते हैं और एक-दूसरे को परोसा जाता है.
दुकानों में दे रहे चॉकलेट
व्यापारी भी बच्चों की खुशी के लिए चॉकलेट दे रहे हैं। लवण के सभी व्यापारी अपने दुकान में बच्चों के लिए चॉकलेट रखे हुए हैं कोई भी दुकान से खाली हाथ नहीं लौट रहा है।