महासमुंद

आपके नजदीक मे पर्वत, झरना, और पहाड़ का देखिये प्राकृतिक सौंदर्य

सराईपाली -शिशुपाल पर्वत पर प्राकृतिक सौंदर्य, एडवेंचर और ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए बेहद खास है. बताया जाता है कि इसी पहाड़ के ऊपर किसी समय राजा शिशुपाल का महल हुआ करता था. जब राजा को अंग्रेजों ने घेर लिया तब राजा ने अपने घोड़े की आंख पर पट्टी बांधकर पहाड़ से छलांग लगा दी थी.

छत्तीसगढ़ राज्य के महासमुंद जिले में स्थित सराईपाली से करीब 26 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है बेहद ही खूबसूरत पहाड़ी शृंखला, जिसे बुढ़ा डोंगर के नाम से भी जाना जाता है, डोंगर अर्थात पर्वत इस पर्वत का क्षेत्रफल करीब 10 किलोमीटर है। इसकी सबसे ऊंची चोटी को क्षेमाखुटी के नाम से भी जानते हैं।

घोड़ाधार जलप्रपात: पर्वत के पूर्वी हिस्से में एक घोड़ाधार जलप्रपात स्थित है, जो कि सदाबहार ना होकर एक मौसमी जलप्रपात है। यह करीब 305 आसपास मीटर ऊंचा है। घोरघाट जलाशय जो कि इस शिशुपाल पर्वत के पास ही स्थित है वहां भी मल्दामाल एवं पतेरापाली गांव के लोगों द्वारा मकर संक्रांति का पर्व कई सालों से मनाया जा रहा है। साथ ही इस अवसर पर विशेष पूजा पाठ का आयोजन किया जाता है।

मकर संक्रांति पर मेला का आयोजन :- पहाड़ी के चोटी मे महादेव जी का एक मंदिर भी स्थित है तथा यहाँ मकर संक्रांति एवं महाशिवरात्रि में भव्य मेला का भी आयोजन किया जाता है तथा पर्वत के नीचे महामाया देवी जी का भी मंदिर स्थित है, जिसके आँगन में सिंदूर पेड़ का वृक्ष भी स्थित है।

शिशुपाल पर्वत पर प्राकृतिक सौंदर्य-
शिशुपाल पर्वत पर प्राकृतिक सौंदर्य, एडवेंचर और ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए लगभग 1200 फीट की सीधी चढ़ाई यादगार अनुभव बन जाती है. इस पहाड़ की चोटी पर बड़ा सा मैदान है, जो अपने आप में अनोखा है. वहीं, शिशुपाल पर्वत पर घोड़ाधार नाम का बेहद ऊंचाई से गिरने वाला एक झरना है. इसके अलावा पर्वत पर जन आस्था का केंद्र प्राचीन शिव मंदिर स्थित है. ऐसा कहा जाता है कि इस पहाड़ पर जड़ी-बूटियों और कई औषधीय गुणों वाले पौधे पाए जाते हैं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button