भागवत कथा सभी वेदों का सार है – हनुमान प्रसाद तिवारी

लवन- समीपस्थ ग्राम सरखोर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के तीसरे दिन वराह अवतार कपिल अवतार ध्रुव चरित्र का वर्णन किया गया। कथा वाचक हनुमान प्रसाद तिवारी देवरघटा ने बताया कि
वराह यानी शुकर। इस अवतार के माध्यम से मानव शरीर के साथ परमात्मा का पहला कदम धरती पर पड़ा। मुख शुकर का था, लेकिन शरीर इंसानी था। उस समय हिरण्याक्ष नामक दैत्य ने अपनी शक्ति से स्वर्ग पर कब्जा कर पूरी पृथ्वी को अपने अधीन कर लिया था।

जब पृथ्वी को ले जाकर समुद्र में छिपा दिया तब ब्रह्मा की नाक से भगवान विष्णु वराह रूप में प्रकट हुए।अपनी थूथनी की सहायता से उन्होंने पृथ्वी का पता लगा लिया और समुद्र के अंदर जाकर अपने दांतों पर रखकर वे पृथ्वी को बाहर ले आए।
आगे ध्रुव चरित्र व कपिल अवतार के प्रसंगों का वर्णन किया। बताया कि भगवान विष्णु ने पांचवा अवतार कपिल मुनि के रूप में लिया।
उन्होंने बताया कि श्रीमद भागवत कथा सभी वेदों का सार है. इसे सुनने से मनुष्य तृप्त होता है और जन्म जन्मांतर के पाप से मुक्त हो जाता है.कथा आयोजन समस्त ग्रामवासी सरखोर द्वारा किया जा रहा है।
भागवत कथा सुनने सैकड़ो की संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे।