पं नरेंद्र नयन ने श्रीकृष्ण बाल लीला एवं गोवर्धन पूजा का किया वर्णन

27 अप्रैल को भागवत के चढ़ावे से कन्या का विवाह करायेंगे पं नरेंद्र नयन शास्त्री
केशव साहू। घोटिया (पलारी)।
पलारी तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत खरतोरा में साहू परिवार द्वारा श्रीमद भागवत महापुराण कथा का आयोजन किया गया है। बुधवार को कथा वाचक पं नरेंद्र नयन शास्त्री जी चाउर वाले बाबा ने श्रीकृष्ण बाल लीला, माखन चोरी एवं गोवर्धन पूजा के प्रसंग का कथा में वर्णन किया। उन्होंने कहा कि कृष्ण ने ब्रजवासियों को मूसलाधार वर्षा से बचाने के लिए सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उंगली पर उठाकर रखा और गोप-गोपिकाएं उसकी छाया में सुखपूर्वक रहे। सातवें दिन भगवान ने गोवर्धन को नीचे रखा और हर वर्ष गोवर्धन पूजा करके अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी। तभी से यह उत्सव अन्नकूट के नाम से मनाया जाने लगा।
पं नरेंद्र नयन शास्त्री जी ने श्रीकृष्ण की माखन चोरी की लीला का वर्णन करते हुए कहा कि जब श्रीकृष्ण भगवान पहली बार घर से बाहर निकले तो उनकी बृज से बाहर मित्र मंडली बन गई। सभी मित्र मिलकर रोजाना माखन चोरी करने जाते थे। सब बैठकर पहले योजना बनाते की किस गोपी के घर माखन की चोरी करनी है। श्रीकृष्ण माखन लेकर बाहर आ जाते और सभी मित्रों के साथ बांटकर खाते थे। भगवान बोले जिसके यहां चोरी की हो उसके द्वार पर बैठकर माखन खाने में आनंद आता है। माखन चोरी की लीला का बखान करते हुए उन्होंने भगवान कृष्ण के बाल रूप का सुंदर प्रकार से वर्णन किया। उन्होंने बताया कि भगवान कृष्ण बचपन में नटखट थे। भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न लीलाओं से जुड़ी कथा को सुनने व अधिकाधिक संख्या में खरतोरा सहित आसपास के गांवों से लोग पहुंच रहे हैं।
भागवत के चढ़ावे से विवाह करायेंगे पं नरेंद्र नयन जी
27 अप्रैल को भागवत के चढ़ावे पैसे से पं नरेंद्र नयन शास्त्री जी द्वारा बालिका का विवाह होने जा रहा है। जिसके लिए चढ़ावे के पैसे दहेज भी आ गया है। इस दौरान सभी श्रोताओं के लिए भोजन की व्यवस्था भी की जाएगी। पं शास्त्री जी ने लोगों को बड़ी संख्या में शामिल होकर विवाह में शामिल होने आमंत्रित किया।
आचार्य जी पुरे भारतवर्ष में चाय वाले बाबा के नाम से तथा चावल देख कर भुत एवं भविष्य बताने के लिए विख्यात है, शास्त्री जी हिन्दू संस्कृति एवं वैदिक सनातन धर्म के व्यापक प्रचार प्रसार हेतु पुरे देश में भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का प्रसाद बाँट रहे है, भागवत कथा के माध्यम से जीव जगत का कल्याण व गरीब कन्याओं के विवाह का खर्च वहन कर समाज में बेटियों को उचत्तम सम्मान व स्थान दिलाया है।