छत्तीसगढ़

प्याज के रेट बढ़े, कुछ दिनों में दाम हो सकता है 100 से पार

केंद्र सरकार से नाराज हैं प्याज की खेती वाले किसान

कई राज्यों में प्याज की खेती वाले किसान अभी भी केंद्र सरकार से नाराज है। क्योंकि हाल ही में उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया है। इसमें मंत्रालय ने नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया (एनसीसीएफ) और नेफेड को देश के विभिन्न शहरों में 35 रुपये प्रति किलो बेचने का निर्देश दिया है। सरकार के इस फैसले से भी किसान नाराज हैं। किसान संगठनों का कहना है कि जब बाजार और मंडियों में प्याज के दाम कम होता है तब सरकार गायब हो जाती है। किसानों की भरपाई करने के लिए कभी कोई निर्णय नहीं लेती है। लेकिन जब प्याज के रेट जरा से भी बढ़ जाते है तो उसे कम करने आ जाती है।

इस बीच महाराष्ट्र के कई किसान संगठनों ने ऐलान किया है कि किसान महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में केंद्र सरकार से बदला लेंगे। किसानों की इन नाराजगी को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य खत्म करने कम करने का फैसला लिया है, ताकि महाराष्ट्र के किसानों का गुस्सा शांत किया जा सके। क्योंकि महाराष्ट्र ही देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है।

बाजार में फिर महंगे हो सकते है प्याज
केंद्र सरकार के इस निर्णय का सीधा असर मंडियों पर जल्द दिखाई दे सकता है। प्याज से न्यूनतम निर्यात मूल्य हटने के बाद प्याज उत्पादक राज्यों के किसान अच्छी गुणवत्ता प्याज वाले ज्यादा मात्रा में विदेश में बेचेंगे। इससे उन्हें प्याज की अच्छी कीमत मिलेगी। वहीं अभी प्याज की नई फसल आने में करीब दो से तीन माह का वक्त है। ऐसे में किसानों के पास जो अभी प्याज का स्टॉक है। उसे वह अच्छे दामों पर एक्सपोर्ट करेंगे। ऐसी स्थिति में प्याज भाव में उछाल देखने को मिल सकते है। अभी खुदरा बाजार में प्याज 60 से 80 रुपये प्रति किलो चल रही है। पिछले 15-20 दिनों में प्याज की कीमत में तेजी आई है। व्यापारियों का कहना है कि प्याज की कीमत में तेज बारिश के चलते ट्रकों की आवाजाही प्रभावित होने और मांग में तेजी के कारण आई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button