पलारी

भरूवाडीह में धूम धाम से मनाया गया गोवर्धन पूजा

( डोमार साहू गिधपुरी ) इस वर्ष दीपावली पर्व गिधपुरी क्षेत्र में बड़े धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया वहीं ग्राम भरूवाडीह में भी इस साल धूम धाम से मनाया गया गोवर्धन पूजा दीपावली के अगले दिन की जाने वाली पूजा को गोवर्धन पूजा कहते हैं भारत के कई राज्यों में गोवर्धन पूजा को अन्नकूट भी कहा जाता है इस दिन घरों में अन्नकूट का भोग बनाया जाता है. गोवर्धन पूजा के दिन हर घर में गाय के गोबर से गोवर्धन महाराज की प्रतिमा बनाई जाती है और पूरे परिवार के साथ पूजा अर्चना की जाती है. ऐसे में चलिए आपको विस्तार से बताते हैं कि आखिर गोवर्धन पूजा क्यों की जाती है और इसका क्या महत्व है.
गोवर्धन पूजा का उत्सव भागवत पुराण में बताई गई पौराणिक कथाओं पर आधारित है धार्मिक मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने वृंदावन के लोगों से कहा कि वर्षा के देवता इंद्रदेव को प्रसाद चढ़ाने के बजाय गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाए. जब इंद्रदेव को इस बारे में पता चला तो वे क्रोधित हो गए और उन्होंने वृंदावन पर मूसलाधार बारिश करनी शुरू कर दी. इस बारिश ने जल्द ही भयावह रूप ले लिया. इस बारिश से वृंदावन के वासियों को बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर पूरा गोवर्धन पर्वत उठा लिया, जिससे लोगों और जानवरों की इस भारी आपदा से बचाया गया गोवर्धन पूजा पर भगवान श्री कृष्णा की पूजा की जाती है साथ ही गाय को घर के बने पकवान एवं चावल दाल अन्य भोग लगाकर खिलाए जाते हैं

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