कोरबा

11वीं की नाबालिक छात्रा ने दिया बच्चे को जन्म हॉस्टल अधीक्षिका निलंबित

11वीं की एक नाबालिक छात्रा ने बच्चे को जन्म दिया है विदित हो की नाबालिग छात्रा द्वारा बच्ची के जन्म देने की जानकारी सामने आते ही शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है कोरबा के एक गर्ल्स हॉस्टल में 11 वीं की छात्रा द्वारा बच्चे को जन्म देने का मामला सामने आया है सोमवार की देर रात हॉस्टल में रहने वाली एक 11वीं क्लास की छात्रा ने नवजात बच्चे को जन्म दिया था इस बात की जानकारी के बाद से ही शिक्षा विभाग में अफरा तफरी मच गया है। इस मामले में कलेक्टर ने त्वरित कार्यवाही करते हुए हॉस्टल अधिक्षिका को निलंबित कर दिया है।

कलेक्टर अजीत वसंत ने हॉस्टल की अधीक्षिका को निलंबित करते हुए मामले की जांच के आदेश जारी कर दिया है। कोरबा के पोड़ी-उपरोड़ा स्थित राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन 100 सीटर गर्ल्स हॉस्टल संचालित है। बताया जा रहा है कि हॉस्टल में रहकर कक्षा 11वीं में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा की तबीयत सोमवार की देर रात 2 बजे अचानक बिगड़ गई। हॉस्टल की अधीक्षिका कुछ समझ पाती इस बीच छात्रा ने एक नवजात शिशु को जन्म दिया। नाबालिग छात्रा द्वारा बच्ची के जन्म देने की जानकारी सामने आते ही शिक्षा विभाग में अफरा तफरी का माहौल बन गया। जिम्मेदारों ने आनन-फानन में डाक्टर और छात्रा के परिजनों को इस मामले की सूचना दी। हॉस्टल प्रबंधन की ओर से पौड़ी उपरोड़ा से लगभग 40 किलोमीटर दूर निवासरत छात्रा के माता-पिता को बुलाकर जब उनसे पूछा गया। तब छात्रा की मां ने बताया कि उन्हें भी बेटी ने गर्भवती होने की सूचना कभी नहीं दी। बच्चे को जन्म देने के बाद जच्चा-बच्चा दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुरे मामले की जानकारी के बाद जिला कलेक्टर अजीत वसंत ने छात्रावास अधीक्षिका जय कुमारी रात्रे को तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया गया। हॉस्टल की निलंबित अधीक्षिका जयकुमारी रात्रे ने बताया कि 3 जनवरी को छात्रावास में बच्चों का मेडिकल चेकअप भी हुआ था, जिसमें छात्रा के गर्भवती होने की बात सामने नहीं आई। शुरुआती पूछताछ में छात्रा के गर्मी छुट्टी में गांव जाने की बात सामने आई है। गांव में रहने के दौरान उसके गर्भवती होने की आशंका जताई है।

कलेक्टर के निर्देश पर मामले की जांच शुरू कर दी है। अब मां बनने वाली नाबालिग छात्रा से पूछताछ के बाद ही इस पूरे घटना की सच्चाई सामने आ सकेगी। फिलहाल बच्चे को आईसीयू वार्ड में रखा गया है जिला मेडिकल कॉलेज में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ने बताया कि बताया कि नवजात लगभग 7 से 8 महीने की है। ऑक्सीजन की कमी के कारण कुछ समस्याएं हैं, इसलिए प्रीमेच्योर बच्ची को विशेष नवजात शिशु वार्ड में भर्ती किया गया है वही पूरे मामले को लेकर जाँच की जा रही है

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