

अयोध्या में भगवान राम का आगमन को अब कुछ ही दिन शेष हैं। 22 जनवरी को करोड़ों हिन्दुओं के आराध्य भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस कार्यक्रम में तुलसी पीठाधीश्वर रामभद्राचार्य भी सम्मिलित होंगे।
अयोध्या पहुंचने और राम कथा के साथ संत रामभद्राचार्य जी का 25 साल पुराना प्रण भी पूरा होने जा रहा है। उन्होंने प्रतिज्ञा ली थी कि जब तक राम मंदिर बन नहीं जाता, तब तक वो अयोध्या में राम कथा नहीं कहेंगे। ऐसे में अब राम मंदिर के उद्घाटन के साथ उनकी बरसों पुरानी प्रतिज्ञा भी पूरी होने वाली है।
14 से 22 जनवरी तक पहली बार अयोध्या में रामभद्राचार्य की राम कथा
अयोध्या: राम मंदिर बनाने का सपना एक वक्त करोड़ों लोगों ने देखा था. 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ये पूरा होगा. अब इसी अयोध्या में पाक अधिकृत कश्मीर को हासिल करने के लिए विशाल हवन यज्ञ की शुरुआत हो रही है. जगदगुरु रामभद्राचार्य से लेकर आम कारसेवक ने अयोध्या के राम मंदिर को लेकर संकल्प ले रखे थे, अब राम मंदिर बना रहा है तो उनके संकल्प भी पूरे हो रहे हैं.
अयोध्या के बड़ी बगिया के 400 सौ एकड़ में विशाल यज्ञशाला है. यहां 1008 यज्ञशाला बनाई गई है, जहां पर 14 जनवरी से 22 जनवरी तक लगातार यज्ञ होगा और लाखों लोग अपनी आहूति देंगे. राम मंदिर तो बन गया अब पाक अधिकृत कश्मीर को भारत में शामिल करने का संकल्प लिया जाएगा और सवा करोड़ आहूतियां दी जाएंगी.
इन तीन संयोग में एक राम मंदिर का निर्माण, 25 साल बाद अयोध्या में उनकी राम कथा का आयोजन और उनका 75वां जन्मदिन भी है. उन्होंने कहा कि रामभद्राचार्य अयोध्या में 14 से 22 जनवरी तक राम कथा कहेंगे.
मालूम हो कि जन्म के दो माह के बाद ही उन्होंने अपनी आंखों की रोशनी खो दी थी। बावजूद इसके वे आज 22 भाषाओं के जानकार हैं। उन्होंने 80 ग्रंथों की रचना की है। 14 जनवरी, 1950 को जौनपुर (उत्तरप्रदेश) में जन्में रामभद्राचार्य जी के ज्ञान के सामने लोग तब नतमस्तक हो जाते है।