बलौदाबाजार - कसडोल

युवाओं ने लिया छेरछेरा में बढ़ चढ़कर हिस्सा

रॉकी साहू लवन – लवन में आज सुबह 7 बजे से ही बच्चे, युवक व युवतियां हाथ में टोकरी, बोरी आदि लेकर घर-घर छेरछेरा मांगते हैं। छोटे-छोटे बच्चे घर-घर जाकर छेरछेरा मांग रहे हैं इस पर्व में युवा भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं ।शाम तक युवा छेरछेरा मांगते नजर आए । अंचल के ग्राम ताराशिव ,लाटा एवं भदरा में भी सुबह से ही छेर छेरा मांगने वालों का भीड़ शाम 6 बजे तक लगा रहा । ग्राम ताराशिव, लाटा एवं भदरा में प्रत्येक वर्ष बड़े ही हर्षो उल्लास के साथ यह पर्व मनाया जाता है जिसमें पूरे ग्रामवासी एक दूसरे के घर छेरछेरा मांगने को जाते हैं।

पुरानी परंपराओं के अनुसार युवकों की टोलियां डंडा नृत्य कर घर-घर पहुंचती हैं। धान मिंसाई हो जाने के चलते गांव में घर-घर धान का भंडार होता है, जिसके चलते लोग छेर छेरा मांगने वालों को दान करते हैं। साथ ही शहरी अंचलों में भी छेरछेरा की धूम रही। लवन नगर में व्यापारियों द्वारा बच्चों को छेरछेरा के रूप में चॉकलेट दिया गया ।

लाटा के भुनेश्वर साहू ने बताया कि इस त्योहार में सभी कहते है छेरछेरा…..माई कोठी के धान ला हेर हेरा….इस पर्व को मानते हुए बच्चों और बड़े बुजुर्गों की टोलियां एक अनोखे बोल, बोल कर दान मांगते है. दान लेते समय बच्चे ‘छेर छेरा माई कोठी के धान ला हेर हेरा’ कहते हैं और जब तक घर की महिलायें अन्न दान नहीं देंगी तब तक वे कहते रहेंगे ‘अरन बरन कोदो दरन, जब्भे देबे तब्भे टरन’. इसका मतलब ये होता है कि बच्चे कह रहे हैं, मां दान दो, जब तक दान नहीं दोगे तब तक हम नहीं जाएंगे

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