श्रीमद भागवत कथा के कृष्ण जन्मोत्सव में झूम उठे ग्रामवासी

लवन – कोलिहा गांव में वर्मा परिवार में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन कथा व्यास तलाश कृष्ण पांडेय ने श्री राम चरित्र एवं कृष्ण जन्मोत्सव का वर्णन किया ।बताया कि
प्रभु श्री राम एक आदर्श मनुष्य,पुत्र,भाई और पति होने के साथ-साथ एक आदर्श कुशल शासक भी थे. उनके शासन काल में व्याप्त सुव्यवस्था के कारण ही आज भी रामराज्य का उदाहरण दिया जाता है. आइये जानते हैं भगवान राम के चरित्र से हमें कौन-कौन सी सीख मिलती है.
सहनशीलता, धैर्य, नेतृत्व क्षमता ,मित्रता,दयालुता,दृण प्रतिज्ञा के गुणों को भगवान श्री राम से सीखना चाहिए।
आगे भगवान श्री कृष्ण के जन्म उत्सव के कथा को विस्तार से बताया उन्होंने कहा कि कंस अपनी बहन देवकी को वासुदेव जी के साथ विवाह के बाद पहचाने जा रहा था की आकाशवाणी हुई जी बहन को इतनी प्यार से ले जा रहे हो उसी की आठवीं संतान से तुम्हारा वध होगा। या सुन या सुनकर वसुदेव देवकी को कंस ने कारागार में डाल दिया ।और जब-जब देवकी से संताने उत्पन्न हुई कंस ने उनसे मार डाला। अब समय आया जब देवकी के गर्भ से भगवान कृष्ण का जन्म हुआ। जन्म के समय सारे पहरेदार सो गए बेड़ी और हथकड़ी हाथों से वसुदेव देवकी के खुल गए पहरेदार सो गए। और वासुदेव जी ने बालक कृष्ण को नंद और यशोदा के घर पहुंचा दिया। सैकड़ो संख्या में ग्रामवासी उपस्थित रहे।
ग्राम वासियों ने कृष्ण जन्म बड़े धूमधाम से मनाया, चॉकलेट एवं प्रसाद का भी वितरण किया गया.









