पलारी

भगवान श्रीराम का जीवन अनुकरणीय, उनके सीख को जीवन में उतारना चाहिए – पं. नरेंद्र नयन शास्त्री

भागवत कथा के चौथे दिन सुनाई श्रीराम जन्म और श्री कृष्ण कथा

घोटिया (पलारी)।
भगवान राम का जीवन अनुकरणीय है, वहीं श्रीकृष्ण का जीवन श्रवणीय है। हमें भगवान राम के दिखाए हुए आदर्शों पर चलना चाहिए। वहीं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं की कथा सुनने मात्र से ही प्राणियों का कल्याण हो जाता है। उक्त बातें पलारी तहसील के ग्राम खरतोरा में साहू परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत महापुराण कथा के चौथे दिन व्यासपीठ से चावल वाले बाबा नरेंद्र नयन शास्त्री जी ने कहा कि ऐश्री कृष्ण का गुणानुवाद श्रवणीय है और श्री राम का चरित्र अनुकरणीय है। श्रीकृष्ण की कथा को निरंतर श्रवण करते रहना चाहिए क्योंकि निरंतर कृष्ण का गुणानुवाद सुनने मात्र से यह मन श्री कृष्ण के चरण कमल में लग जाता है। भगवान श्रीराम ने जिस चरित्र का पालन किया, जिस मर्यादा का पालन किया, उनके चरित्र का, उनके द्वारा बनाई हुई मर्यादा का पालन इस मनुष्य को निरंतर करते रहना चाहिए। भगवान भक्तों के कल्याण के लिए ही कभी राम रूप में प्रकट होते हैं, कभी कृष्ण रूप में प्रकट होते हैं और पृथ्वी का भार उतार कर सुंदर लीला करके अपने दिव्य धाम को चले जाते हैं।

सोमवार को सिलयारी धाम के नरेंद्र नयन शास्त्री जी महाराज ने आगे बताया कि राजा बलि से तीन पग भूमि दान में मांगने का वचन लेकर भगवान वामन ने असुरों के आतंक से पृथ्वी को बचाया था। इसके बाद भगवान त्रेतायुग में श्रीराम के रुप में अवतरित हुए और संसार को रावण के त्रास से मुक्त किया। श्रीराम का जीवन अनुकरणीय है। हमें उनके जीवन से जीने का सही तरीका सीखना चाहिए। भगवान ने समय-समय पर लोगों की रक्षा के लिए इस पृथ्वी पर अवतार लिया है। इसके बाद द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण धरती पर स्वयं प्रगट हुए। भगवान के गोकुल पहुंचने पर सभी नंदबाबा को बधाई देते हुए गाने लगे- नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की…। कथा में आगे उन्होंने बताया कि भगवान को जब भक्तों के ऊपर अपार कृपा करनी होती है, अपार दया करनी होती है, तब इस भूलोक पर प्रकट होकर सुंदर लीला करते हैं। भगवान के भक्त उस लीला का स्मरण करके, श्रवण करके, पालन करके अपना कल्याण कर लेते हैं। इस अवसर पर आयोजक जीवराखन, कैलाश, तिलक, फूलसिंह, कुंदन, मनीष, रामजी, राजेन्द्र, दीपक सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

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