चीचिरदा यादव परिवार में चल रही है श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ

राकी साहू लवन. लवन क्षेत्र अंतर्गत ग्राम चिचिरदा यादव परिवार द्वारा 31 मार्च से चल रहे संगीत मय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन कथा व्यास पंडित कान्हा महाराज कोमना (ओड़िसा ) वाले ने परीक्षित जन्म, सुखदेव आगमन की कथा सुनाई उन्होंने युद्ध में गुरु द्रोण के मारे जाने से क्रोधित होकर उनके पुत्र अश्वत्थामा ने क्रोधित होकर पांडवों को मारने के लिए ब्रह्मास्त्र चलाया ब्रह्मास्त्र से लगने से अभिमन्यु की गर्भवती पत्नी उत्तरा के गर्भ से परीक्षित का जन्म हुआ। परीक्षित जब बड़े हुए नाती पोतों से भरा पूरा परिवार था सुख वैभव से समृद्ध राज्य था वह जब 60 वर्ष के थे एक दिन वह क्रमिक मुनि से मिलने उनके आश्रम गए उन्होंने आवाज लगाई, लेकिन तप में लीन होने के कारण मुनि ने कोई उत्तर नहीं दिया। राजा परीक्षित स्वयं का अपमान मानकर निकट मृत पड़े सर्प को क्रमिक मुनि के गले में डाल कर चले गए अपने पिता के गले में मृत सर्प को देख मुनि के पुत्र ने श्राप दे दिया कि जिस किसी ने भी मेरे पिता के गले में मृत सर्प डाला है उसकी मृत्यु सात दिनों के अंदर सांप के डसने से हो जाएगी ऐसा ज्ञात होने पर राजा परीक्षित ने विद्वानों को अपने दरबार में बुलाया और उनसे राय मांगी उस समय विद्वानों ने उन्हें सुखदेव का नाम सुझाया और इस प्रकार सुखदेव का आगमन हुआ कथा के दौरान मुख्य यजमान संतोष कुमार यादव,श्रीमती शांति, कृष्ण कुमार यादव,श्रीमती सीमा, रामकुमार, श्रीमती सुलोचना यादव,राजेश कुमार ,सरोज, विनोद कुमार ,सुमन, पुनीत राम यादव, पुष्पा ,शशांक शेखर ,शिल्पा ,प्रशांत यादव श्रीमती रेनू यादव ,प्रांजल यादव भावना ,रजत, रंजन ,मयंक ,स्वीटी, यश ,प्रियांश, अनु ,प्रियंका ,शिवांगिनी, अक्षत, अभिज्ञ , स्वनीश,अभिजय अंश खुशी ,आयांश ,सारांश एवं श्रोतागण,मौजूद रहे










