श्रमिकों को मिल रहा स्तरहीन भोजन, थाली धोने की भी मजबूरी

शहीद वीर नारायण सिंह श्रमिक अन्न् योजना के तहत श्रमिकों को 5 रूपए में भोजन देने की शुरूवात जिला मुख्यालय में केरा रोड बस स्टैंड के भवन में फरवरी महीने में किया गया था।
यहां श्रमिक भी बड़ी संख्या में भोजन करने पहुंचते हैं मगर यहां उन्हें गुणवत्ता के अनुरूप भोजन नहीं मिलता।
यहां खाने में लौकी की सब्जी तो ठीक थी मगर दाल में पानी और हल्दी ज्यादा था। वहीं श्रमिकों को खाना खाने के बाद थाली धोकर रखना पड़ता है।राज्य सरकार द्वारा फरवरी माह में जिला मुख्यालय में शहीद वीर नारायण सिंह श्रमिक अन्न् योजना की शुरूवात की गई। इस योजना के तहत श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिकों को 5 रूपए में भोजन दिया जाता है। भोजन में एक थाली में 4 सौ ग्राम चावल, 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी तथा 10 ग्राम अचार या चटनी और आरओ का पानी दिया जाना हैं।
सप्ताह में श्रमिकों को 6 दिन भोजन उपलब्ध कराया जाना है। श्रम विभाग द्वारा एक थाली भोजन के लिए 52 रूपए 65 पैसा निर्धारित किया गया है। जिसमें मात्र 5 रूपए श्रमिक को देना हैजबकि 47 रूपए 65 पैसा श्रम विभाग द्वारा दिया जाता है मगर भोजन की गुणवत्ता शर्तों के मुताबिक नहीं है। पतली दाल , लौकी की सब्जी और छोटा सा पापड़ तथा आचार परोसा गया था।
पहले दिन जब फरवरी माह में इस योजना की शुरूवात की गईतो श्रमिकों को दो सब्जी और दाल चावल के साथ वित्त मंत्री ओपी चौधरी अन्य जनप्रतिनिधि और कलेक्टर के द्वारा परोसा गया था। श्रमिकों ने भी यहां भोजन कर यह महसूस किया कि उन्हें अब काम करने जाने के दौरान भोजन की चिंता नहीं होगी। वे यहां भोजन करने पहुंचते भी हैं मगर यहां भोजन में कभी दाल नहीं बनती तो कभी उसमें पानी ज्यादा और दाल कम होता है।
इतना ही नहीं श्रमिकों को भोजन के बाद अपनी जूठी थाली खुद धोना पड़ता है। जिस थाली के लिए संबंधित व्यक्ति को 52 रूपए 65 पैसे भुगतान किया जाता है वह थाली अगर श्रमिकों को धोना पड़े तो यह उनके स्वाभिमान के खिलाफ है मगर जिम्मेदारों को इससे कोई सरोकार नहीं है।
वहीं पंजीकृत श्रमिकों के अलावा बस स्टैंड के यात्रियों को भी यहां भोजन कराकर पंजीकृत श्रमिकों का नाम दर्ज कर दिया जाता है। श्रम विभाग का कार्यालय अन्य योजना केंद्र से महज 3 सौ मीटर है और अधिकारी भी इसी मार्ग से आना करते हैं मगर इनको इससे कोई सरोकार नहीं है।
दाल भात केंद्र से भी दयनीय स्थिति
संवाददाता _ लोकनाथ साहू / मनमोहन