राजिम

राजिम कल्प कुंभ के संत समागम में आज से रूद्र महायज्ञ

संत समागम स्थल से निकाली गई कलश यात्रा

राजिम – राजिम कुंभ कल्प मेला में त्रिवेणी संगम पर बने संत समागम स्थल पर श्री पाटेश्वर सेवा संस्थान के प्रमुख बालयोगेश्वर रामबालक दास महाराज द्वारा 107 वां रूद्र महायज्ञ 22 फरवरी से शुरू होने जा रहा है। यज्ञ प्रारंभ होने से पूर्व कलश यात्रा का विशेष महत्व होता है। इस अनुष्ठान का आज विधिवत शुभारंभ कर कलश यात्रा निकाली गई, जो संत समागम स्थल से निकलकर मेला क्षेत्र का भ्रमण करते हुए वापस यज्ञ स्थल पहुंचकर संपन्न हुई।

यज्ञ के संबंध में जानकारी देते हुए रामबालक दास महाराज जी ने बताया कि मैंने छत्तीसगढ़ सहित अन्य क्षेत्र में 106 यज्ञ पूरे कर लिए हैं। 107 वां यज्ञ इस राजिम कुंभ कल्प में शनिवार से शुरू होगा। यज्ञ के उद्देश्य के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि पर्यावरण की सुरक्षा और जनमानस की मानसिक शांति हेतु यह यज्ञ किया जा रहा है। यज्ञ हमारी सबसे पुरानी परंपरा है। पिछले वर्ष राजिम कुंभकल्प में मैंने रामोत्सव के रूप में मनाया था और इस वर्ष का कल्प कुंभ माता कौशल्या को समर्पित करते हुए मां कौशल्या महोत्सव के रूप में मना रहा हूं। इसलिए 25 फरवरी मंगलवार को संत समागम स्थल में स्थित मेरे कुटिया शिविर में विशेष मां कौशल्या महोत्सव का आयोजन किया गया है। जिसमें कुंभ कल्प में पधारे समस्त साधु संत अपनी उपस्थिति प्रदान करेंगे।

महाराज जी ने बताया कि बालोद जिले के पटेश्वर धाम में 7 एकड़ भूमि पर माता कौशिल्या का भव्य मंदिर बनाया जा रहा है जिसमें 2026-27 तक माता कौशिल्या की मूर्ति को उसी धूमधाम से स्थापित किया जाएगा। जिस प्रकार आयोध्या में भगवान श्रीरामलला विराजमान हुए थे। 25 करोड़ की लागत से बनने वाले इस मंदिर में 51 लाख रुपए की मां कौशिल्या की मूर्ति स्थापित की जाएगी। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के सभी धर्म सम्प्रदाय सहित अन्य देवी देवताओं की 108 मूर्तियां भी स्थापित की जाएगी। तीन मंजिला मंदिर में छत्तीसगढ़ के समस्त देवी देवताओं के दर्शन श्रद्धालु एक ही स्थान पर कर सकेंगे।

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