बलौदाबाजार

खरसिया नई रेलवे लाइन परियोजना के तहत बलौदा बाज़ार के इन गांवों में जमीन की खरीदी बिक्री पर लगा रोक

( संवाददाता रॉकी साहू ) खरसिया परमलकसा नई रेलवे लाइन परियोजना के तहत संभावित प्रभावित गांवों में जमीन की खरीदी बिक्री एवं नामांतरण बंटवारा और निर्माण कार्य पर कलेक्टर द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस आदेश के तहत बलौदाबाजार तहसील और पलारी के लगभग कुल 35 गांव में किसी भी प्रकार की जमीन लेनदेन की प्रक्रिया पर रोक लगाई गई है। साथ ही मुखिया की मृत्यु के बाद उनकी जमीन आश्रितों के नाम तो दर्ज होगी लेकिन उनका बंटवारा नहीं किया जाएगा।

जिला कलेक्टर के आदेश के अनुसार इन गांव में अब केवल फ़ौती उत्तराधिकार मृत्यु के बाद उत्तराधिकार का नाम होगा लेकिन जमीन का बंटवारा नहीं किया जाएगा। यानी यदि किसी मुखिया की मृत्यु होती है तो उसकी जमीन उसके आश्रितों के नाम पर तो दर्ज होगी लेकिन उस जमीन को विभाजित नहीं किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य रेलवे लाइन परियोजना के तहत होने वाले भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में प्रदर्शित बनाए रखना है। कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि आगामी आदेश तक इन गांव में जमीन से संबंधित कोई भी लेनदेन नहीं होगा। सरकार द्वारा रेलवे लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही इन प्रतिबंधों को ढील दी जा सकती है।

जिला कलेक्टर के आदेश अनुसार 35 गांव में से जमीन के किसी भी प्रकार के लेनदेन, नामांतरण या बंटवारे पर रोक लगाई गई है। जिसमें बलौदाबाजार तहसील के ग्राम ताराशिव, अमलकुंडा, मिश्राइनडीह, भदरा, सुधेली, सेमराडीह, खैंदा, बिटकुली, छुहिहा, पनगांव, मगरचबा, सकरी, गोडखपुरी, दशरमा, रिस्दा, पुरान, ठेलकी, खमरिया, चंपा और पोसरी के नाम शामिल हैं। वहीं पलारी तहसील के सैहा, गुम्मा, गीतकेरा, औरासी, अमलडीहा, चुचंगपुर, छिराही, गाड़ाभाटा, सरकीपार, खपरी, परसवानी, छेरकाडीह, रेंगाडीह, मुसुवाडीह और जारा के नाम शामिल हैं।

वास्तविक हकदार को ही लाभ मिले इसलिए लगाई रोक

नई रेलवे लाइन परियोजना के लिए सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। ऐसे में जमीन की कीमतों में अचानक उछाल या अवैध लेनदेन को रोकने के लिए प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अलावा परियोजना क्षेत्र में जमीन के मालिकाना हक को लेकर विवाद उत्पन्न न हो और वास्तविक हकदार को ही लाभ मिले इसलिए रोक लगाई।

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