महाशिवरात्रि पर्व पर श्रद्धालुओं ने लगाई त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी

भगवान कुलेश्वर नाथ के दर्शन करने सुबह से श्रद्धालुओं की लगी लंबी कतार

राजिम – धार्मिक नगरी राजिम में आयोजित कुंभ कल्प में महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था, भक्ति और विश्वास की डूबकी लगाई। पुण्यकाल और मुहूर्त का इंतजार किए बिना श्रद्धालु आधी रात से ही आस्था की डुबकी लगाने त्रिवेणी संगम पहुंच गए। स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ संगम घाट, स्वर्ण तीर्थ घाट, नेहरू घाट, स्नान कुंड में उमड़ पड़ी।
स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने दीपदान भी किया। महिलाओं, पुरुषों सहित बच्चों ने स्नान उपरांत सूर्यदेव को अर्घ्य दिया तथा रेत से शिवलिंग बनाकर जलाभिषेक किया। महाशिवरात्रि पर इस पुण्य स्नान का काफी महत्व माना जाता है। इसलिए लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने पुण्य स्नान कर दीपदान किया। स्नान के बाद दीपदान करने की परंपरा सदियों पुरानी चली आ रही है। इस परंपरा और श्रद्धा का पालन आज भी श्रद्धालुओं को करते देखा गया है। नदी की धार में दोने में रखी दीपक की लौ किसी जुगनू की भांति चमकती नजर आई। कई महिलाओं ने रेत का शिवलिंग बना कर बहुत ही श्रद्धा के साथ बेल पत्ता, धतुरा के फूल चढ़ाकर पूजा आरती भी की।
इसके बाद श्रद्धालुओं की लम्बी लाइन श्री कुलेश्वर नाथ महादेव मंदिर और श्री राजीव लोचन मंदिर, बाबा गरीब नाथ की ओर लग गई। त्रिवेणी संगम के बीच स्थित भगवान श्री कुलेश्वर नाथ महादेव के दर्शन करने श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर परिसर से आधा किलोमीटर तक दिखाई दी, जो धीरे-धीरे बढ़ते चली गई। रास्ते भर हर-हर महादेव और जय श्रीराम के गगनभेदी जयघोष लगाते श्रद्धालुओं ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। इस दौरान कई श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से धार्मिक अनुष्ठान भी किए। कई स्थानों पर भंडारों का आयोजन हुआ, जहां श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।