जांजगीर चंपा

विद्युत व्यवस्था जर्जर केबल व ओवर लोड की खामियाजा भुगत रहे है ग्राम वासी

भीषण गर्मी दिन में अधिकांश समय परमिट में ही गुजरता है।

जांजगीर चाम्पा-विद्युत सबस्टेशन सारागांव से विद्युत प्रदाय अस्त-व्यस्त की अपने चरम सीमा से गुजर रही है।इसके अंतर्गत सामिल गांवो में अधिकांश समय कटौती ही देखी जा रही है।
सारागांव सब स्टेशन सारागांव में सामिल सबसे बड़े ग्राम पंचायत कोसमन्दा में बिजली ब्यवस्था सबसे खराब दौर से गुजर रही है।दिन भर 5 से 6 घंटे परमिट के नाम से कटौती होती है।इसके बाद शाम होते ही मौसम खराब के नाम से 2 से 3 घंटा रोज का बंद हो रहा है।और उसके बाद चार्ज किया जाता है तो केबल टूटना,इंसुलेटर फटना आदि समस्या से जूझना पड़ता है प्राब्लम मिल गया तो सप्लाई चालू नही तो रात भर के लिये बंद ये हाल है कमरीद कोसमन्दा फीडर का हाल चिंतनीय है
लोगो की मांग रही है हमेशा से कोटाडबरी से जोड़ने की।
कोसमन्दा की सप्लाई कोटाडबरी सबस्टेशन से हो रही थी तब बिजली की सप्लाई बहुत अच्छा था।पर अधिकारियों द्वारा काटकर सारागांव में जोड़ा गया है तब से विद्युत व्यवस्था बदहाल है। अधिकारियों का कहना है कि कोटाडबरी सब स्टेशन ग्रामीण फीडर नही है।पर पिछला विधानसभा सत्र में कोसमन्दा को भी नगर पंचायत की घोषणा हो चुकी जिसकी अधिसूचना जारी हो चुका है।
कोसमन्दा के ग्रामीणों का कहना अधिकारियों की लापरवाही से ही विद्युत व्यवस्था बदहाल है।
कमरीद-कोसमन्दा के गांवों को एक ही फीडर से विद्युत सप्लाई हो रही है।जो कमरीद फिडर नाम से कमरीद को विद्युत सप्लाई करती थी।कोसमन्दा को कोटाडबरी से काटकर उसी फिडर से जोड़ने से जर्जर हो चुकी केबल रोज टूट रहे है व इंसुलेटर फट रहा है।जिससे रिपेयर करने परमिट के नाम पर रोज 10-12बार कटौती की जाती है। इसी चक्कर मे लोग विद्युत कर्मचारियों से बहस हो जा रहे है।।
एक दिन में 24घंटे होते है लेकिन बिजली कटौती एक दिन 36बार होती है इस तरह आम उपभोक्ताओं को बिजली कटौती की समस्या से जूझ रहे हैं

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