रीवाडीह रेत घाट प्रारंभ हुआ तो होगा चुनाव बहिष्कार

ग्रामीणों में आक्रोश, कहा- घाट चालू हुई तो लाश से गुजरेंगी गाड़ियां
रेत घाट बंद कराने ग्रामीण एकजुट, दलाली होगा बंद
ठेकेदार ने घाट शुरू कराने कलेक्टर के पास भेजे किराये के आदमी
केशव साहू (पलारी)- पलारी तहसील अंतर्गत रिवाडीह रेत घाट को निरस्त करने की मांग को लेकर 90 प्रतिशत ग्रामीण एक जुट है ,घाट को किसी भी शर्त पर चालू होने नही देने की बात कह रहे है। रेत घाट बंद कराने वे कलेक्टर और मंत्री टंक राम से भी मिल चुके है । जिसके बाद कुछ दलालों से मिली भगत कर ठेकेदार गांव के पंचायत और कुछ ग्रामीणों को पैसा देकर कलेक्टर से मिलवाने ले गए जहां कलेक्टर के अनुपस्थिति में उनके प्रतिनिधि से ग्रामीणों को मिलवा कर चले आए । ठेकेदार की मनमानी से ग्रामीण तंग आ चुके हैं और अब वे रेत घाट बंद कराने का ठान लिए है।
विरोध करने वाले ग्रामीणों को जेल भेजने की बात से ग्रामीण आक्रोशित,
कलेक्टर कार्यलय से ठेकेदार द्वारा ले गए गांव के कुछ लोगो के गांव लोटने के बाद ठेकेदार द्वारा कुछ अखबार में इस बात का दुष्प्रचार करने लगे की रेत घाट का विरोध करने वालो को जेल भेजने की खबर प्रकाशित होने के बाद ग्रामीणों में आक्रोश और बड़ गया तथा घाट निरस्त करने की मांग और जोर पकड़ने लग गया तथा ग्रामीणों का अब कहना है की ठेकेदार कितने ग्रामीणों को जेल भेजेगा देखते है पूरा का पूरा गांव जेल जाने को तैयार है।
सड़क जर्जर, हाईवा ले चुकी कई जान
वही रीवाडीह के ग्रामीण गांव में स्वीकृत रेत घाट को निरस्त करने की मांग का प्रमुख कारण है कि पूर्व में समीप ग्राम के रेत घाट से निकली हाइवा गाड़ी से एक जवान युवक की कुचल की मौत हो चुकी गांव का एक मात्र सड़क जर्जर हो चुका है जो थोड़ा बहुत चलने लायक बचा है वो भी हैवी गाड़ी चलने से पूरी तरह खराब हो जायेगा ,वही दूसरी अवैध रूप से 24 घंटे चैन माउंटेन मशीन से खुदाई होने से नदी का बहाव बदल जाएगा और तीसरा गांव में रबी फसल लगा है जिसके लिए पानी की समस्या होगी जानवरो को पानी और चारा की समस्या आएगी। ऐसे में ग्रामीण सड़क हादसे और पानी की कमी और अवैध खनन के खिलाफ मुहिम छेड़ रखा है। इस नदी से ग्रामीण और जानवरों का भी गुजारा चलता है। अगर रेत घाट बनाया गया तो लोगों के साथ ही जानवरों को भी दिक्कत होगी साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचेगा।यहां रेत घाट बनने से गांव वाले प्यासे मर जाएंगे। साथ ही गांव वालों को हमेशा अपनी सुरक्षा की चिंता सताती रहेगी। ये नदी ही गांव वालों के जीवन का आधार है।
घाट चालू हुआ तो हमारी लाश से गुजरेगी गाडियां ,
न दलालों की चलेगी न पैसा वालों की – ग्रामीण
वही ग्रामीणों ने कहा की ठेकेदार कुछ लोगो को मजदूरी देकर कलेक्टर कार्यलय लेकर गया था ग्रामीण ठेकेदार के साथ जाना नही चाहते थे मगर पंचायत के पंच सरपंच जो लोग निजी स्वार्थ पूर्ति के लिए ग्रामीणों को 250 रुपए मजदूरी दिया गया जबकि ठेकेदार के साथ कलेक्टर कार्यलय गए ग्रामीणों ने बताया की उन्हे ठेकेदार और पंच सरपंच 500 रुपए एक दिन की मजदूरी देने के नाम पर लेके गए थे मगर वापसी में मात्र 250 रुपए पकड़ा दिए ।उन लोगो ने कहा की वे ग्रामीणों के साथ है वे भी घाट निरस्त करने में समर्थन में ही है ।
वही आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि अगर ठेकेदार और प्रशासन गुंडागर्दी करके घाट चालू करने का प्रयास भी किया तो उनके गांव से गाड़ियों को गुजरने के लिए उन लोगो के लाश से होकर गुजरना होगा सड़क पर गाड़ी के सामने सो कर अपनी जान दे देंगे मगर रेत घाट चालू होने नही देंगे।
घाट प्रारंभ हुआ तो लोकसभा चुनाव का करेंगे बहिष्कार ,ग्रामीण
गांव में रेत घाट को लेकर आक्रोशित ग्रामीणो ने कहा कि इस ठेकेदार और प्रशासन अपनी सांठगांठ से विरोध के बाद भी घाट प्रारंभ करते है तो वे लोक सभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे और इतने में वे नही माने तो वे अपनी जान दे देंगे पर घाट चालू होने नही देंगे। एक तरफ प्रशासन चुनाव में मतदान बढ़ाने मुहिम छेड़ रखा है और अब ग्रामीण चुनाव बहिष्कार करने को तैयार हैं। प्रशासन ठेकेदार और अन्य दलालों पर कार्यवाही कर रेत घाट बंद करें और ग्रामीणो की चुनाव में सहभागिता सुनिश्चित करें।