4 हजार और स्कूल बनेंगे पीएम श्री, कुल 14000 होंगे पीएम श्री स्कूल

पी एम श्री योजना में कितने स्कूल बनेंगे
पीएम श्री योजना के अंतर्गत देश के 14000 से अधिक स्कूलों को शामिल किया जाएगा जिसका निर्माण 2023 से 2027 तक के बीच में हो जाएगा। इस योजना को 2022 से 2027 तक की अवधि में ही लागू किया जाएगा। पीएम श्री योजना के माध्यम से 18 लाख छात्रों को लाभ होगा, जिसके तहत 5 वर्षों में कुल 27360 करोड रुपए की राशि खर्च की जाने वाली है।
पीएम श्री का पूरा नाम ?
पीएम श्री योजना का पूरा नाम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया है, जिसके माध्यम से केंद्र सरकार भारत के पुराने स्कूलों को अपग्रेड करेगी ताकि उनमें आधुनिक शिक्षा का संचार किया जा सके। इस योजना के तहत 18 लाख छात्रों को लाभ मिलेगा जिनके पढ़ाई स्तर को अत्यधिक बढ़ा कर दिया जाएगा।
भारत में शुरू हुई पीएम श्री योजना की विशेषताएं कुछ इस प्रकार से हैं।
– इस योजना के तहत भारत के 14500 स्कूलों को अपग्रेड किया जाएगा।
– पीएम श्री योजना के माध्यम से छात्रों को स्मार्ट शिक्षा और – आधुनिक क्लासेस का अनुभव होगा।
पीएम श्री योजना के माध्यम से प्राइमरी से लेकर कक्षा 12वीं तक की कक्षाओं को शामिल किया जाएगा।
– इसी योजना के माध्यम से सभी आधुनिक जरूरत को पूरा किया जाएगा जिससे छात्रों की जरूरततें पूरी हो सकेंगी।
स्कूलों को नई राष्ट्रीय शिक्षा क्षा नीति नीति (एनईपी) के अनुरूप संवारने और प्रत्येक ब्लाक के कम से कम दो सरकारी स्कूलों को माडल स्कूल के रूप में तैयार करने की पहल तेजी से बढ़ निकली है। ऐसे में इसे लेकर शुरू की गई पीएम-श्री (पीएम-स्कूल राइजिंग इंडिया) स्कीम के आफ तहत चार हजार और सरकारी स्कूलों को इस महीने के अंत तक इनमें शामिल किया जा सकता है। फिलहाल, इसकी तैयारी पूरी हो गई है। इस दौरान चयनित होने वाले स्कूलों को स्वयं को अपग्रेड करने के लिए दो-दो करोड़ रुपये की सीधी वित्तीय मदद भी मिलेगी। अब तक इस स्कीम के तहत देश के 6260 स विद्यालयों को चयनित किया जा चुका है। शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, राज्यों से मिले प्रस्ताव और पीएम- श्री स्कीम के निर्धारित मानकों पर परखने के बाद स्कूलों को चयनित किया जाता है। जिसमें स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर, छात्रों का नामांकन, छात्र-शिक्षक अनुपात सहित बच्चों के पिछले प्रदर्शन आदि को आंका जाता है। वैसे तो इस स्कीम के तहत देशभर के 14,500 सरकारी स्कूलों को चयनित किया जाना है, लेकिन तमिलनाडु, केरल, बंगाल, बिहार व दिल्ली ने अब तक इसे लेकर शिक्षा मंत्रालय से करार नहीं किया है। वहीं, पंजाब ने करार करने के बाद अब हटने का अनुरोध किया है।
इस स्कीम में सिर्फ उन्हीं राज्यों के स्कूलों को शामिल किया जा रहा है, जो शिक्षा मंत्रालय के साथ इस बात को लेकर करार कर रहे है कि वह अपने यहां एनईपी NEP राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करेंगे। ऐसे में पीएम-श्री के लिए चयनित सरकारी स्कूलों में अभी इन राज्यों के एक भी स्कूल शामिल नहीं है। पीएम- श्री में चयनित होने वाले स्कूलों में बच्चों को नए सत्र से एनईपी के तहत तैयार की गई नई पाठ्य-पुस्तकें भी पढ़ने को मिलेगी। मंत्रालय ने नई पाठ्य-पुस्तको मार्च के अंत तक तैयार होने की उम्मीद जताई है।