बलौदा बाजार जिले के घने जंगल पहाड़ी में स्थित सिंघनगढ़ किला जो आज भी कई रहस्यों से भरा है

हम बात कर रहे हैं सिंघनगढ़ किला जो कई रहस्यों से भरा है बलौदा बाजार जिले से महज 45 से 50 किलोमीटर की दूरी पर घने जंगल पहाड़ी में सिंघनगढ़ किला स्थित है जहां कई रहस्य छुपी हुई है
घने जंगल के बीच इस किले में जाना अत्याधिक कठिन है यहां जाने के लिए मुख्य मार्ग में जंगल भीतर लगभग 2 से 4 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई करनी पड़ती है

किले के शीर्ष पर पहुंचने पर छोटे-छोटे पत्थरों को तराश कर बनाई गई लगभग दो ढाई फीट की प्राचीन प्राकृतिक मूर्ति है जिसका पता लगाना पुरातत्व विभाग के लिए आज भी बड़ी चुनौती बनी हुई है


बताया जाता है कि सिंघना धुर्वा एक गोड़ राजा थे जिसका यह किला था वहां पहुंचने पहाड़ पर कई किलोमीटर पैदल चढ़ाई करनी पड़ती है
सिंहनगढ़ किला पहुंचते ही लगभग 12 से 20 फीट के आसपास पत्थरों से बना मुख्य द्वार है जो बहुत ही प्राचीन है किले के अंदर बहुत से प्राचीन पत्थर और पत्थरो के बर्तन एवं पत्थरों से बने विभिन्न चीज आपको देखने मिलेंगे इसके साथ ही कई चीज मौजूद है जो आज भी रहस्यमयो से भरे पड़े है

बार नयापारा वन अंचल क्षेत्र घने जंगल के अंदर होने के कारण यहां शाम एवं रात्रि को जाना मना है लोग दिन में सफर कर सकते है वही यहां जाने के लिए तीन जगहो से मार्ग है पहले बलोदा बाजार से पलारी रोहासी औराई बोरिद होते जिसकी दूरी 45 से 50 किलोमीटर पड़ेगा एवं दूसरा लवन अमेठी होते जो 40 किलोमीटर दूर पड़ेगा एवं तीसरा कसडोल से सिरपुर मार्ग बरबसपुर होते जाया जा सकता है जिसकी दूरी 35 से 40 किलोमीटर है