
राकी साहू् लवन , सोमवार को रात्रि के बेमौसम आंधी तूफान और बारिश से धान खरीदी केंद्र सोसाइटीयो में धान भीग गया कई सोसाइटियों में धान ढकी हुई तिरपाल उड़ गई और नीचे जमीन में पानी भर गया फड़ गिला कीचड़ हो गया जिससे नुकसान होने से इनकार नहीं किया जा सकता वही समिति प्रबंधक परेशान है ज्ञात हो कि प्रदेश में धान खरीदी बंद हुए लगभग डेढ़ माह समय बीतने को है खरीदी केन्द्रों से धान का उठाव सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है जिसके कारण समिति प्रबंधक एवं कर्मचारी परेशान है ऊपर से ये बे मौसम आंधी तूफान बारिस की मार की भी चिन्ता सताने लगी असमय बारिश से धान का बारदाना भीगने से नुकसान होना तय है समिति को नुकसान होता देख सहकारी समिति के कर्मचारी संघ के द्वारा जिला विपणन अधिकारी बलौदाबाजार को भी ज्ञापन दिया गया विदित हो कि लवन शाखा के 15 उपार्जन केन्द्रों में इस वित्तीय वर्ष 2023-24 में साढे़ सात लाख क्वींटल धान की खरीदी हुआ है जिसमें 4 लाख 91 हजार क्वींटल धान का उठाव हो चूका है शेष बचे 2 लाख 41 हजार क्वींटल धान का उठाव होना अभी बाकि है वही लवन शाखा के लगभग सभी उपार्जन केन्द्रो में पर्याप्त मात्रा में चबुतरे नहीं होने के कारण प्रभारियों के द्वारा तिरपाल से धान को ढककर सुरक्षित रखा गया है, लेकिन बेमौसम बारिश और आंधी तूफान से
नुकसान होने की संभावना बनी हुई है.

वही सहकारी समिति कर्मचारी संघ के जिला उपाध्यक्ष रामकुमार साहू ने बताया कि असमय बारिश होने के चलते प्रबधंको को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है यदि समय रहते धान का उठाव नहीं किया गया तो और अधिक नुकसान होने की संभावना है। प्रबंधकों की ओर से उच्च अधिकारियों को मौखिक एवं लिखित में आवेदन दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद उपार्जन केन्द्रों से धान का उठाव नहीं हो पा रहा है, जिससे समिति के लोग चितिंत है।
धान का सही समय में परिवहन के लिए हमारे द्वारा लगातार मांग किया जा रहा है सोमवार 18 मार्च को एक बार फिर सहकारी समिति के कर्मचारी संघ के द्वारा धान का उठाव शीघ्र कराने के लिए लिखित में आवेदन दिया गया है उनका कहना है कि धान का उठाव 72 घण्टे के भीतर होना है, लेकिन नियमतः धान का उठाव नहीं हो रहा है। खुले आसमान के नीचे धान भीगता हुआ पड़ा हुआ है, इससे धान अंकुरित होकर नुकसान हो रहा है। वही, कई उपार्जन केन्द्रो में केवल नाममात्र के लिए धान का उठाव किया गया है, उसके परिवहन होने के बाद धान का उठाव नहीं हो रहा है, जो समितियों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है चुंकि उपार्जन केन्द्रों में क्षमता से अधिक धान पड़ा हुआ है, इसलिए सभी धान को पर्याप्त मात्रा में ढक पाना संभव नहीं है। वही, बारदाना धूप होने व फटने तथा चुहों के कुतरने से बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। समिति के कर्मचारी संघ का कहना है कि यदि नियत तिथि तक धान का उठाव नहीं किया गया तो समस्त संघ पदाधिकारी व समिति कर्मचारी आमरण अनशन एवं भूख हड़ताल पर जाने को विवश हो जाएंगे। जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी शासन-प्रशासन की होगी इस संबंध में जानकारी के लिए जिला विपणन अधिकारी से सम्पर्कं करने का प्रयास किया गया। लेकिन उनका सम्पर्कं नहीं हो पाया।