भाटापारा-बिलासपुर मार्ग रहा बाधित, खेत पानी में डूबे

तीसरे दिन भी शिवनाथ का रौद्र रूप नहीं हुआ शांत
शहर से सात किलोमीटर दूर बहने वाली शिवनाथ नदी का रौद्र रूप तीसरे दिन भी बरकरार रहा जिसके चलते भाटापारा- बिलासपुर मार्ग पूरी तरह अवरूद्ध रहा। इस मार्ग पर स्थित सेमरिया घाट पुल पर अभी भी बाढ़ का पानी का घनत्व कम नहीं हुआ है और नदी में छोड़े गये विभिन्न बांध एवं जलाशय के पानी के कारण शिवनाथ का जल प्रवाह भयावह बना हुआ है। हालात यह है कि आसपास के तमाम खेत-खलिहान जहां पर कुछ माह पूर्व धान उपज की बोआई की गई थी वह पूरी तरह पानी में डूब गया है फलस्वरूप नदी किनारे के चार-पांच किलोमीटर क्षेत्र के तमाम गांव सहित सेमरिया, दतरेंगी के खेत में दो से तीन फीट पानी बाढ़ का प्रवेश कर गया है जिससे किसान पूरी तरह तबाह हो गये हैं वहीं दतरेंगी सेमरिया घाट मार्ग भी लगभग दो किलोमीटर तक पानी में डूब गया है जिससे आवाजाही पूरी तरह बंद है। इसी तरह सेमरिया घाट पुल के दोनों छोर तरफ आवाजाही बंद है जिससे नारायणपुर, अमलडीहा, तेन्दूभांठा,बासीन, ठेलकी, मदकू द्वीप, झुलना, बैतलपुर, पुटपुरा, मारो चक्रवाय, सरगांव, संबलपुर, नवागढ़, पथरिया सहित बिलासपुर का सड़क संपर्क तीसरे दिन भी बंद रहा लोग जो कि रोजी रोजगार, चिकित्सा, स्वास्थ्य, अध्ययन अध्यापन, हाट बाजार, कृषि उपज सहित अनेक कार्यों से भाटापारा आते जाते थे, वे सभी परेशान हैं।

एकदम आवश्यक कार्य से आने जाने वाले लोग अब 25 से 30 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय कर लिमतरा, नांदघाट उच्च स्तरीय पुल के मार्ग से घुमकर आ जा रहे हैं। यहां उन्हें आर्थिक व समय का भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इधर बाढ़ पीडित दतरेंगी, सेमरिया के किसानो ने खेत में बोये गये धान की क्षति को देखते हुये शीघ्र सर्वेक्षण कर मुआवजा देने की मांग की है।






