पारंपरिक वाद्ययंत्र निर्माण और काष्ठकला के लिए पंडी राम मंडावी को मिलेगा पद्मश्री सम्मान

रायपुर – केंद्र सरकार ने शनिवार को देश के प्रतिष्ठि पुरस्कार पद्मविभूषण, पद्मभूषण और पद्मश्री के नामों की घोषणा की। पद्मश्री पुरस्कारों की सुची में छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के गोंड मुरिया जनजाति के जाने-माने कलाकार पंडी राम मंडावी का नाम शामिल है। यह प्रतिष्ठित सम्मान उन्हें पारंपरिक वाद्ययंत्र निर्माण और लकड़ी की शिल्पकला के’ क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जाएगा। इस उपलिब्ध पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बधाई दी है। पंडी राम मंडावी पिछले पांच दशकों से बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर को न केवल संरक्षित कर रहे हैं, बल्कि उसे नई पहचान भी दिला रहे हैं।
आठ से अधिक देशों में कर चुके है कला का प्रदर्शन
एक सांस्कृतिक दूत के रूप में मंडावी ने अपनी कला का प्रदर्शन 8 से अधिक देशों में किया है। साथ ही अपने कार्यशाला के जरिए 1 हजार से अधिक कारीगरों को प्रशिक्षण देकर इस परंपरा को नई पीढ़ियों तक पहुंचाने का कार्य किया है। पंडीराम मंडावी ने मात्र 12 वर्ष की आयु में अपने पूर्वजों से यह कला सीखी और अपने समर्पण व कौशल के दम पर छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति को नई ऊंचाई पर पहुंचाया।









